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MIND

HEALTH AND FITNESS

  • उम्र के प्रभाव से आपकी याददाश्त कमजोर हो जाती है।
  • ध्यान, प्राणायाम और व्यायाम से तनाव दूर होता है।
  • याददाश्त के लिए बादाम को काफी उपयोगी माना जाता है।

याददाश्त हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। अगर चीजें हमें याद न रह जाएं, तो हमारी जिंदगी मुश्किल हो जाए। कई बार पौष्टिक चीजों के कम सेवन और उम्र के प्रभाव से आपकी याददाश्त कमजोर हो जाती है। याददाश्त बढ़ाने के लिए आप तरह-तरह के जतन करते हैं। अच्छी याददाश्त के लिए आपको बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है। अगर आप अच्छा और पौष्टिक खाना खाएं और अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा परिवर्तन कर लें तो आपकी याददाश्त लंबे समय तक आपका साथ देगी। आइये आपको बताते हैं कि किस तरह आप अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकते हैं।

फलों और हरी सब्जियों का सेवन

फलों और हरी सब्जियों में पाए जाने वाले शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंट मस्तिष्क की रक्त नलिकाओं को स्वस्थ व लचीला बनाए रखते हैं। इनके सेवन से मस्तिष्क को फोलिक एसिड और विटामिन मिलते हैं जो तीव्र याददाश्त और तंत्रिका तंत्र की सक्रियता के लिए जरूरी हैं। दिमाग तेज़ करने के लिए अपने खाने में बैगन का प्रयोग जरुर करें। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व मस्तिष्क के टिशू को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। चुकंदर और प्याज़ भी दिमाग बढाने में उपयोगी हैं। इसलिए अगर आपको अपनी याददाश्त अच्छी रखनी है, तो अपने आहार में मौसमी फल और सब्जियां जरूर शामिल करें।

रोजाना प्रणायाम करें

ध्यान, प्राणायाम और व्यायाम से तनाव दूर होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है, एकाग्रता बढ़ती है और मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, रक्त और पोषक तत्व मिल जाते हैं। इन सबसे याददाश्त बढ़ती है। भ्रामरी प्राणायाम से ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं जो मस्तिष्क को रिलेक्स करते हैं। साथ ही भ्रामरी प्राणायाम दिमाग में जूझने की क्षमता को बढ़ाता है।

पर्याप्त नींद लें

अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग भी तेज-तर्रार रहे तो अच्‍छी और सुकून वाली नींद बहुत जरूरी है। नींद के कारण हम अपने दिमाग में छिपी कई चीजों को याद कर सकते हैं, अच्छी नींद से याददाश्त को बरकरार रखने की जो क्षमता मिलती है। मस्तिष्क में टेम्पोरल लोब की एक आंतरिक संरचना हिप्पोकैम्पस के ही कारण याददाश्त को बनाए रखने में बढ़ावा मिलता है, ये इंसान के मस्तिष्क में दबी हुई चीजों को बाहर लाता है और उन्हें मूल रूप से दिमाग के उसी छिपे हुए स्थान पर फिर से रीप्ले करता है। इस रीप्ले के कारण हम दिनभर में हुए महत्वपूर्ण अनुभवों को अपने मस्तिष्क में जीवित रख पाते हैं।

बादाम और अखरोट का सेवन

याददाश्त बनाये रखने के लिए बादाम को काफी उपयोगी माना जाता है। बादाम में मौजूद पोषक तत्‍व जैसे प्रोटीन, मैगनीज, कॉपर और राइबोफ्लाविन आदि अल्‍जाइमर और अन्‍य मस्तिष्‍क संबंधी रोगों को दूर करने में मदद करते हैं। रात को पांच बादाम भिगोकर रख दें। सुबह उठकर उनका सेवन करने से दिमाग तेज होता है। अखरोट दिखने में दिमाग जैसा ही लगता है। अखरोट तीन दर्जन से भी अधिक न्यूरॉन ट्रांसमीटर को बनाने में मदद करता है। यह मस्तिष्क प्रक्रिया के लिए बहुत जरूरी होते हैं। साथ ही अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट व विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूद प्राकृतिक रसायनों को नष्ट होने से रोककर रोगों की रोकथाम करते हैं। इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है। रोजाना अखरोट के सेवन से याददाश्त बढ़ती है।

काजू का सेवन


अवसाद से बाहर निकलने के लिए काजू का सेवन आपकी काफी मदद कर सकता है। काजू विटामिन बी 12 का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो तनाव दूर करने में काफी मदद करता है। काजू का सेवन करने से प्राकृतिक रूप से अवसाद का उपचार होता है। काजू में पाया जाने वाला मैग्नीशियम शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। सेरोटोनिन एक ऐसा रसायन है जो हमें खुश रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा काजू प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद कॉपर शरीर में एंजाइम गतिविधि, हार्मोन का उत्पादन, मस्तिष्क का कार्य आदि संभालने में मदद करता है। खाली पेट शहद के साथ काजू खाने से स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।

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