World Blood Donation Day: क्या होता है जब आप रक्तदान करते हैं?
World Blood Donation Day: क्या होता है जब आप रक्तदान करते हैं?
क्या आपने कभी ब्लड डोनेट किया है? अगर हां तो ये बहुत अच्छी बात है। अगर आपको लगता है कि ब्लड डोनेट करने से साइड इफेक्ट होता है तो आप बहुत ही गलतफहमी में है। दरअसल, लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जिस वजह से लोग रक्तदान करने से परहेज करते हैं। 14 जून यानी की आज ब्लड डोनर डे पर आज हम आपको उन भ्रांतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके कारण लोग ब्लड डोनेट करने से बचते हैं जबकि इससे किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है।
इस साल वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पर WHO का स्लोगन है- 'किसी के लिए वहां मौजूद रहें, रक्त दें, जीवन बांटे।' इस स्लोगन का उद्देश्य ब्लड डोनेशन पर जोर देना।
आइए ब्लड डोनेशन डे के मौके पर जानते है कि ब्लड डोनेट करते वक्त किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इसके क्या फायदें है।
1 ब्लड यूनिट से बचती है 3 जिंदगियां
कहते हैं जब एक व्यक्ति रक्तदान करता है तो उससे 3 जिंदगियां बचायी जा सकती हैं क्योंकि जब रक्तदान किया जाता है तो खून में मौजूद अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स जैसे रेड ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों और परेशानियों से जूझ रहे लोगों के इलाज में किया जाता है।
कौन कर सकता है ब्लड डोनेशन
वह व्यक्ति जिसे कोई संक्रामक रोग न हो, 18-60 साल की उम्र में 50 किलो से अधिक वजन का व्यक्ति। कम से कम ब्लड में हीमोग्लोबिन लेवल 12.5% होना चाहिए।
ये लोग नहीं कर सकते हैं ब्लड डोनेट
हाई बीपी, डायबिटीज के मरीज
किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीज
महिला मिसकैरिज के 6 महीने तक रक्तदान नहीं कर सकती
मलेरिया के मरीज 3-4 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते
किसी प्रकार का टीकाकरण कराने के 1 महीने बाद ही ब्लड डोनेट कर सकते हैं
एल्कोहॉल का सेवन करने के बाद 24 घंटे तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते
किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीज
महिला मिसकैरिज के 6 महीने तक रक्तदान नहीं कर सकती
मलेरिया के मरीज 3-4 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते
किसी प्रकार का टीकाकरण कराने के 1 महीने बाद ही ब्लड डोनेट कर सकते हैं
एल्कोहॉल का सेवन करने के बाद 24 घंटे तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते
जरुरी ध्यान की बातें
ब्लड डोनेट करने से पहले और बाद में रखे इन बातों का ध्यानं।
ब्लड डोनेट करने से पहले बीती रात को खूब पानी पिएं
पानी के साथ-साथ फ्रूट जूस जरूर लें
खाली पेट ब्लड डोनेट न करें।
ब्लड डोनेट करने के 3 घंटे पहले कुछ खाएं
आयरन से भरपूर चीजें खाएं
हरी पत्तेदार सब्जियां और साइट्रस फलों का सेवन करें
ब्लड डोनेट करने के तुरंत न उठें
15-20 मिनट का आराम जरूर करें
ब्लड डोनेट करने के तुरंत बाद गाड़ी न चलाएं
ब्लड डोनेट करने के 8 घंटे बाद तक एल्कोहल के सेवन से बचें
ब्लड डोनेट करने के 24 घंटे बाद तक हेवी बॉडी वर्कआउट (जिम, डांस आदि) न करें
ब्लड डोनेट करने से पहले बीती रात को खूब पानी पिएं
पानी के साथ-साथ फ्रूट जूस जरूर लें
खाली पेट ब्लड डोनेट न करें।
ब्लड डोनेट करने के 3 घंटे पहले कुछ खाएं
आयरन से भरपूर चीजें खाएं
हरी पत्तेदार सब्जियां और साइट्रस फलों का सेवन करें
ब्लड डोनेट करने के तुरंत न उठें
15-20 मिनट का आराम जरूर करें
ब्लड डोनेट करने के तुरंत बाद गाड़ी न चलाएं
ब्लड डोनेट करने के 8 घंटे बाद तक एल्कोहल के सेवन से बचें
ब्लड डोनेट करने के 24 घंटे बाद तक हेवी बॉडी वर्कआउट (जिम, डांस आदि) न करें
रक्तदान करने पर शरीर से जो फ्लूड निकलता है वो 1-2 दिन के अंदर आपने जो ब्लड डोनेट किया होता है वह शरीर में वापस बन जाता है।
ब्लड डोनेशन का आपका डेली रुटीन पर कोई असर नहीं पड़ता है। हालांकि जिस दिन आप ब्लड डोनेट करें उस दिन वजन उठाने या भारी काम करने से परहेज करें। अगले दिन आप फिर से अपनी रूटीन में वापस आ सकते हैं।
ब्लड डोनेट करने के बाद पुरुषों को 3 महीनें और महिलाओं को 4 महीनें तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए।
ब्लड डोनेशन के फायदें
ब्लड डोनेट करने से लीवर पर अच्छा असर पड़ता है। लीवर का कार्य आयरन मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है। ब्लड डोनेशन से शरीर में आयरन की मात्रा सही बनी रहती है और लीवर डैमेज होने से बचता है। इसलिए नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने से लीवर कैंसर का जोखिम भी कम होता है।
वजन होता है कम
ब्लड डोनेट करने से 650-700 किलो कैलोरी घटा सकते हैं। क्योंकि वजन का लेना देना कैलोरी से होता है, और कैलोरी घटेगी तो वज़न भी घटेगा। हालांकि ब्लड डोनेट 3 महीने में एक बार ही करना चाहिए, यही सुरक्षित तरीका है।
कॉलेस्ट्रॉल और बीपी रहता है कंट्रोल में
ब्लड डोनेट करने से कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इ ससे ज्यादा कैलोरी और फैट बर्न होता है और नए सेल्स बनते है।
ब्लड ग्रुप से जुड़े फैक्ट
O+ ब्लड ग्रुप बहुत ही सामान्य ब्लड ग्रुप होता है जो आसानी से मिल जाता है। हर तीन में से एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप O+ होता है।
वहीं O नेगेटिव ब्लड ग्रुप 15 में से एक व्यक्ति का होता है। सबसे ज्यादा O ब्लड ग्रुप की जरुरत ही होती है।
वहीं O नेगेटिव ब्लड ग्रुप 15 में से एक व्यक्ति का होता है। सबसे ज्यादा O ब्लड ग्रुप की जरुरत ही होती है।
A पॉजीटिव ब्लड ग्रुप 3 लोगों से एक ब्यक्ति का होता है, वहीं A नेगेटिव ब्लड ग्रुप 16 में से एक का होता है।
B पॉजीटिव हर 12 में से एक व्यक्ति में पाया जाता है, वहीं B नेगेटिव 67 में से एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप होता है।
AB पॉजीटिव हर 29 में से एक का ब्लड ग्रुप होता है, वहीं AB नेगेटिव ब्लड ग्रुप सबसे दुलर्भ ब्लड ग्रुप होता है ये 167 में से किसी एक एक ब्लड ग्रुप होता है।
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