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दांतों की सेहत के लिए डेंटिस्‍ट देते हैं ये टिप्‍स

दांतों की सेहत के लिए डेंटिस्‍ट देते हैं ये टिप्‍स




खाने की किसी भी चीज़ को चबाने के लिए दांतों का स्‍वस्‍थ होना बहुत ज़रूरी होता है। इन्‍हें स्‍वस्‍थ रखने के लिए हमें ट्रीटमेंट और अपनी जीवनशैली में ज़रूरी बदलाव कर लेने चाहिए। रोगों से बचने के लिए हमें अपने दांतों की सफाई पर भी ध्‍यान देना चाहिए।
हालांकि, जब बात ओरल या डेंटल हेल्‍थ की आती है तो हम थोड़े लापरवाह से नज़र आते हैं। हमें नहीं लगता कि हमारे दांतों की खराब सेहत का असर हमारे शरीर पर भी पड़ सकता है।
dental health tips in hindi
हम में से अधिकतर लोगों को अब भी यही लगता है कि दांतों का इस्‍तेमाल बस खाने को चबाने और चेहरे पर दिखने के लिए होता है।
जबकि दांतों की सेहत और ओरल हेल्‍थ का असर हमारी संपूर्ण सेहत पर भी पड़ता है। अगर आपके दांत स्‍वस्‍थ नहीं हैं तो आपको दांतों से संबंधित कई बीमारियां जैसे मसूडों के रोग, कैविटी आदि हो सकती है इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि आप अपनी ओरल हेल्‍थ का भी पूरा ध्‍यान रखें।
आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्‍स के बारे में बताने जा रहे हैं जो ओरल हेल्‍थ के लिए खुद डेंटिस्‍ट बताते हैं।

दांतों को बस ब्रश ना करें

दांतों को मज़बूत और सेहतमंद रखने के लिए आपको दिन में 2-3 तीन बार ब्रश करना चाहिए और खासतौर पर रात को सोने से पहले। हालांकि, हममें से कई लोग बस दांतों को ब्रश करते हैं और मुंह के बाकी हिस्‍सों की सफाई नहीं करते हैं जैसे कि जीभ।
डेंटिस्‍ट का कहना है कि ब्रश या टंग क्‍लीनर से जीभ को साफ करने से प्‍लाक साफ हो जाता है। ये प्‍लाक आपकी ओरल हेल्‍थ को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा मसूड़ों को भी साफ करना चाहिए।

कई रोग दे सकता है ओरल हेल्‍थ

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि ओरल हेल्‍थ का असर शरीर पर भी पड़ता है। दांतों की सफाई ना करने से ना सिर्फ कीटाणु पनपते हैं बल्कि ये कई और रोगों का भी कारण बनता है।
स्‍टडी में शोधकर्ताओं ने पाया है कि कीटाणु और मसूडों के रोग से ह्रदय रोग और अल्‍जाइमर रोग होने का खतरा रहता है। मुंह की नसें सीधा दिल और दिमाग से जुड़ी होती हैं और मुंह का संक्रमित रक्‍त इन दोनों हिस्‍सों में पहुंचता है।

जल्‍दी-जल्‍दी दांतों की करें सफाई

दांतों की सफाई के लिए नियमित डॉक्‍टर के पास जाते रहें। महीनों तक डेंटिस्‍ट से दांतों की सफाई ना करवाने से आपके दांतों की सेहत बिगड़ सकती है।
भले ही आप रोज़ घर पर दांतों को ब्रश और फ्लॉस करते हों लेकिन डेंटिस्‍ट से प्रोफेशनल क्‍लीनिंग करवाना भी ज़रूरी होता है। उनके पास कुछ ऐसे उपकरण होते हैं जो दांतों को साफ कर उन हिस्‍सों से भी बैक्‍टीरिया को साफ कर देते हैं जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता है।

ब्रश के बाद कुल्‍ला ना करें

आमतौर पर हम सभी लोग ब्रश के बाद दांतों को पानी से साफ करते हैं। डेंटिस्‍ट का कहना है कि ब्रश में कम टूथपेस्‍ट का इस्‍तेमाल करना चाहिए और इसके बाद कुल्‍ला नहीं करना चाहिए। इससे टूथपेस्‍ट के सक्रिय अवयव मुंह में मौजूद कीटाणुओं और बैक्‍टीरिया को अच्‍छे से खत्‍म कर पाते हैं।
माउथवॉश की बात करें तो इसके प्रयोग के बाद कुल्‍ला करने की जरूरत नहीं है।

शुगर फ्री ड्रिंक्‍स भी पहुंचाती है दांतों को नुकसान

जिन पेय पदार्थों में शुगर होता है उनका दांतों पर भी गलत असर पड़ता है। हालांकि, सच तो ये है कि शुगर फ्री ड्रिंक्‍स का भी खासतौर पर सोडा और फिज़ी ड्रिंक्‍स से भी कैविटी का खतरा रहता है।
ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि ज़्यादातर फिजी ड्रिंक्‍स में कार्बोनिक एसिड होता है जो दांतों के एनेमल को नुकसान पहुंचाता है।

शराब का सेवन

रोज़ाना शराब का सेवन करने से भी मानसिक और मनोवैज्ञानिक सेहत खराब होती है। इसके नकारात्‍मक प्रभावों की लिस्‍ट बहुत लंबी है। रिसर्च में पाया गया है कि शराब पीने से, खासतौर पर रात को शराब पीने से दांतों में कैविटी और मसूडों के रोग का खतरा बढ़ जाता है। शराब को खमीर उठने के बाद बनाया जाता है और इसे पीने से दांतों में कैविटी और बैक्‍टीरिया बढ़ सकता है।

नियमित चेकअप करवाएं

जब तक हमारे दांतों में दर्द या कैविटी नहीं लगती है हम डेंटिस्‍ट के पास नहीं जाते हैं। हालांकि, दर्द या किसी भी तरह के दंत रोग होने से पहले ही आपको डेंटल चेकअप के लिए चले जाना चाहिए। अगर कोई कैविटी, मसूडों में दिक्‍कत या ओरल कैंसर का खतरा होगा तो डेंटिस्‍ट आपको शुरुआती चरण में ही इसकी जानकारी और बचाव के बारे में बता देंगे जिससे आपकी स्थिति और खराब होने से बच जाएगी

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