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सरसों के तेल से हट सकते हैं डार्क स्पॉट्स, जानें कैसे करना है इस्तेमाल

सरसों के तेल से हट सकते हैं डार्क स्पॉट्स, जानें कैसे करना है इस्तेमाल




सरसों के बीज से बना सरसों का तेल दुनियाभर में मशहूर है और कई तरह से इसका उपयोग किया जाता है। खाना पकाने, सेहत संबंधी और सौंदर्य प्रसाधनों में इस तेल का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है।
गाढ़ा पीला रंग और कसैला स्‍वाद इसे बाकी तेलों से अलग बनाता है। सदियों से इस तेल का इस्‍तेमाल त्‍वचा रोगों में किया जाता रहा है।
mustard oil for dark spots
विटामिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्‍त सरसों का तेल त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। कई कमर्शियल स्किन केयर प्रॉडक्‍ट्स में इसका प्रमुख रूप से इस्‍तेमाल किया जाता है।
ऐसे कई त्‍वचा रोग हैं जिन्‍हें तेल से ठीक किया जा सकता है लेकिन एक और ऐसी समस्‍या है जिसका निदान सरसों के तेल से संभव है। जी हां, अब डार्क स्‍पॉट्स को भी सरसों के तेल से ठीक किया जा सकता है।
अगर आप किसी प्राकृतिक तरीके से डार्क स्‍पॉट्स से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको सरसों का तेल इस्‍तेमाल करना चाहिए। चलिए जानते हैं इस तेल के बारे में और ये किस तरह डार्क स्‍पॉट्स को कम कर त्‍वचा में निखार लाता है।

कहां से आया सरसों का तेल

पारंपरिक सरसों के तेल का इस्‍तेमाल पूर्व में खाना पकाने में किया जाता था। ये भारत और रोम जैसे देशों में औषधीय गुणों के कारण भी मशहूर था। सरसों के बीज को दबाकर बनाए गए सरसों के तेल का इस्‍तेमाल सदियों से किया जा रहा है। बीज से तेल को निकालने के बाद उसे परिष्‍कृत प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है।

त्‍वचा के लिए सरसों के तेल के फायदे

सरसों के तेल में डार्क स्‍पॉट्स को घटाकर स्किन पिगमेंटेशन का इलाज करने की क्षमता होती है। यहां तक कि इससे त्‍वचा की रंगत में भी निखार आता है।
सरसों के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जोकि एक्‍ने की समस्‍या से लड़ने में मदद करता है। रोज़ इस तेल को लगाने से त्‍वचा नहीं फटती है।
इस प्राकृतिक तेल में एंटी-इंफ्लामेट्री यौगिक होते हैं जोकि संवेदनशील त्‍वचा को लाभ पहुंचाते हैं।
सरसों के तेल में विटामिन बी कॉम्‍प्‍लेक्‍स, ए और ई होता है जोकि त्‍वचा की रंगत को निखारने में मदद करते हैं। इस तेल को स्किन पर लगाने से त्‍वचा चमकने लगती है और बिना मेकअप के ही निखार आता है।
त्‍वचा की रंगत को निखारने का गुण रखने वाला सरसों का तेल सन टैन को भी दूर करता है। टैनिंग हटाने के लिए इसे त्‍वचा पर लगाएं।
एंटी-बैक्‍टीरियल गुणों से भरपूर सरसों का तेल त्‍वचा को संक्रमण से भी बचाता है।

डार्क स्‍पॉट्स का कारण

सूर्य की तेज़ यूवी किरणों की वजह से त्‍वचा को बहुत नुकसान पहुंचता है और इसकी वजह से स्किन पर गहरे धब्‍बे पड़ने लगते हैं।
स्किन पिगमेंटेशन में भी त्‍वचा पर गहरे धब्‍बे, निशान और चेहरे के अलग-अलग हिस्‍सों पर स्‍पॉट्स पड़ने लगते हैं।
त्‍वचा में मेलानिन का उत्‍पादन ज्‍यादा होने की वजह से एजिंग के निशान दिखने लगते हैं। इससे त्‍वचा पर डार्क स्‍पॉट्स आ जाते हैं।

क्‍या सरसों के तेल से डार्क स्‍पॉट्स घट सकते हैं

सरसों का तेल त्‍वचा को कई समस्‍याओं से बचाता है और उनका इलाज करता है। सालों से महिलाएं त्‍वचा संबंधित समस्‍याओं के निवारण के लिए सरसों के तेल का उपयोग करती आई हैं। ये त्‍वचा में निखार लाने और डार्क स्‍पॉट्स को घटाने में मदद करता है। हालांकि, सरसों के तेल को प्रभावित हिस्‍से पर लगाकर त्‍वचा रोग से मुक्‍ति पाई जा सकती है। ये इस तेल को इस्‍तेमाल करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है।
इस तेल से मालिश करने पर डार्क स्‍पॉट्स कम हो जाते हैं। ये त्‍वचा की गहराई में जाकर असर करता है और डार्क स्‍पॉट्स को घटाता है। इसके अलावा आप सरसों के तेल को बेसन और नारियल के तेल के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं।
धूप में जाने या पिगमेंटेशन की वजह से त्‍वचा पर डार्क स्‍पॉट्स पड़ने लगते हैं। इसे हटाने में सरसों का तेल मदद कर सकता है। तो अब आपको अपने ब्‍यूटी रूटीन में सरसों के तेल को ज़रूर शामिल कर लेना चाहिए।
नोट: चेहरे पर सरसों के तेल या किसी अन्‍य चीज़ के साथ‍ मिलाकर लगाने से पहले पैच टेस्‍ट ज़रूर कर लें कि ये आपकी स्किन को सूट करता भी है या नहीं।

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